आर बनाम क्रिस्टाऊ 1992ऑल इंग्लैंड रिपोर्ट
में बताया गया कि साक्ष्य चाहे किसी तरह से प्राप्त किया गया हो, मान्य है।
कश्मीरा सिंह बनाम मध्य प्रदेश राज्य 1952 एस सी आर
में कहा गया कि अभियुक्त की संस्वीकृति वास्तविक भाग में साक्ष्य नहीं है ।
रामा रेड्डी बनाम बी. वी. गिरी AIR 1971
में बातचीत के टेप रिकॉर्ड को दस्तावेजी साक्ष्य माना गया।
उमेद भाई बनाम गुजरात राज्य ए आई आर 1978 एस एस सी
में पारिस्थितिक साक्ष्य के बारे में SC ने बताया ।
भीमराव बनाम हरियाणा राज्य AIR 1980 एस एस सी
में बताया गया कि एक बात गलत होने के से पूर्ण गवाही गलत नहीं होगी। न्यायाधीश का कर्तव्य है,” भूसे से गेहूं को पृथक करें “।
आर बनाम बेडिगफील्ड 1879 कॉक्स सीसी
में कहा गया जब समस्त कथन घटना के बाद कहा गया है तब उसे संव्यवहार का भाग नहीं माना जा सकता क्योंकि यह विश्वसनीय नहीं है।
आर बनाम फोस्टर 1834 6 C और P
में जिसने दुर्घटना नहीं देखी थी उसको मृतक ने बताया, यह साक्ष्य में ग्राह्य माना गया।
आर. एम. मलकानी बनाम महाराष्ट्र राज्य 1973 SC
में टेप को सुसंगत माना गया ।
आर बनाम डोनेलन विल्स
के अनुसार, सुअवसर सुसंगत है।
केहर सिंह बनाम दिल्ली प्रशासन 1988 एसीसी
में कहा गया हेतु स्वयं अपराध नहीं है पर जब अपराध हो जाता है तब यह महत्वपूर्ण हो जाता है।