- धुला भाई बनाम मध्यप्रदेश राज्य
अनुवर्ती सिविल न्यायालय के क्षेत्राधिकार के अपवर्जन से संबंधित मामला
- कुसुम इग्नोटस और एलायज लिमिटेड बनाम भारत संघ
[( 2004 ) 6 SCC 254 ]
क्षेत्रीय अधिकारिता और फोरम उपयुक्तता के बारे में बताया गया है |
- उत्तर प्रदेश राज्य बनाम नवाब हुसैन
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने रचनात्मक पूर्व सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
- पूर्व न्याय से संबंधित मामले
- a) डचेस ऑफ किंग्सटन केस
- b) मुन्नी बीबी बनाम त्रिलोकनाथ
- c) बाय राम पेस्टोनोजी करीवाला बनाम भारत संघ
- दरयाव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य
अनुछेद 226 के तहत खारिज की गई याचिका पूर्व न्याय (प्राड़ – न्याय) Res Judicata के रूप में कार्य करेगी ताकि संविधान के अनुछेद 32 के तहत उच्चतम न्यायालय में इसी प्रकार की याचिका को अपवर्जन किया जा सके ।
यह मामला पूर्व न्याय की प्रयोज्यता से संबंधित मामला है ।
- जोली जॉर्ज वर्गीज बनाम बैंक ऑफ कोचीन
सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 51 की वैधता को सही ठहराया ।
- एफकान इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बनाम चेरीयन वर्की कंस्ट्रक्शन कंपनी
उच्चतम न्यायालय ने वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रियाओं और सिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 89 से संबंधित विधि का निर्धारण किया ।
- मदनलाल बनाम बाल कृष्ण
द्वितिय अपील से संबंधित मामला
- मनोहर लाल बनाम सेठ हीरालाल
अंतर्निहित शक्ति को किसी भी न्यायालय में प्रदान नहीं किया गया है यह एक न्यायालय में ही अंतर्निहित शक्ति है ।
- सालेम एडवोकेट्स बार एसोसिएशन तमिलनाडु बनाम भारत संघ
1999 और 2002 के संशोधन अधिनियम के तहत सिविल प्रक्रिया संहिता में किए गए संशोधन संवैधानिक है ।
- मार्गन स्टेनली म्युचुअल फंड बनाम कार्तिक दास
अंतरिम व्यादेश से संबंधित मामला
- अर्जुन सिंह बनाम मोहिंदर कुमार
एक पक्षीय कार्यवाही के बाद भी प्रतिवादी वाद के आगे की कार्यवाही में भाग ले सकता है इस सिद्धांत को प्रतिपादित किया गया ।
- किरण सिंह बनाम चमन पासवान
अधिकार क्षेत्र पर आपत्तियां से संबंधित मामला
- रजिया बेगम बनाम साहेबजादी अनवर बेगम
पक्षकारो के संयोजन से संबंधित मामला
- वर्क मेन बनाम बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज कोचीन पोर्ट ट्र्स्ट
रचनात्मक पूर्व न्याय से संबंधित मामला
- अमेरिकन साइना माइंड कंपनी बनाम एथिकोन लिमिटेड
अस्थायी व्यादेश से संबंधित मामला